वैश्विक संस्कृति का भारत पर प्रभाव
Dr. Sanjeev Kumar Prabhakar
वैश्वीकरण अथवा भूमंडलीकरण को जगतीकरण भी कहा जाता है जो एक अंतरराष्ट्रीय मंच है वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ पूरे विश्व का एकीकरण| एकीकरण से तात्पर्य यह है कि विश्व के आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से है जहां अप्रतिबंधित रूप से एक देश से दूसरे देश तक विभिन्न उत्पादों, विचारों एवं मूल्यों आदि का आदान प्रदान किया जाता है वैश्वीकरण के कारण पूरे विश्व का बाजार एक “गांव” सा बन गया है| जहां तक “ग्लोबल संस्कृति” की बात है तो इसमें दुनिया भर के विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं यथा विचार, खान-पान, रहन-सहन, जीवन शैली, जीवन स्तर, बौद्धिक संपदा एवं परंपराओं आदि एक मंच पर देखने को मिलता है| अतः कहा जा सकता है कि विश्व के विभिन्न देशों के बीच विचारों एवं बौद्धिक संपदाओं का अप्रतिबंधित लेन-देन ही वैश्विक संस्कृति कहलाता है|
"वैश्विक संस्कृति का भारत पर प्रभाव", IJSDR - International Journal of Scientific Development and Research (www.IJSDR.org), ISSN:2455-2631, Vol.4, Issue 7, page no.403 - 406, July-2019, Available :https://ijsdr.org/papers/IJSDR1907067.pdf
Volume 4
Issue 7,
July-2019
Pages : 403 - 406
Paper Reg. ID: IJSDR_190841
Published Paper Id: IJSDR1907067
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Research Area: Engineering
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ISSN: 2455-2631 | IMPACT FACTOR: 9.15 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016
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Publisher: IJSDR(IJ Publication) Janvi Wave